उत्तरभारत / पौड़ी गढ़वाल : यूपीएससी एग्जाम को क्लियर करना कोई आसान बात नहीं है. यह हम सभी जानते हैं हर साल लाखों की तादाद में बहुत से छात्र यूपीएससी एग्जाम को क्लियर करने की ख्वाहिश रखते हैं। लेकिन उनमें से कुछ लोग इस ख्वाहिश को पूरा कर पाते हैं, भले ही संपूर्ण भारत में हर एक छात्र अपनी आंखों में यूपीएससी एग्जाम को क्लियर करने के सपने देखता है। परंतु केवल क्लियर वही कर पाता है जो इस मुकाम तक पहुंचने का संघर्ष रखता है। आज हम आपको ऐसे ही एक छात्रा से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने 121 वी रैंक हासिल कर उत्तराखंड का मान बढ़ा दिया है। इनका नाम है “निहारिका” वह मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के द्वारीखाल के ग्राम जावर की रहने वाली है। निहारिका का बचपन से देहरादून में रही है उनके शिक्षा भी यही हुई है निहारिका के पिता केवी ओएनजीसी में शिक्षक हैं। निहारिका की सफलता कई मायनों में खास है, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए वैकल्पिक विषय पॉलिटिक्स साइंस एवं इंटरनेशनल रिलेशन के लिए 3 महीने दिल्ली में कोचिंग ली। इसके अलावा उन्होंने कोई कोचिंग नहीं है। घर पर रहकर परीक्षा की तैयारी की और आखिरकार अपने सपने को सच कर डाला।
तीसरे प्रयास में मारी यूपीएससी एग्जाम में बाजी…..
आपको बता दें, केवी ओएनजीसी से इंटर करने के बाद उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय से बीटेक किया। निहारिका पहले भी तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुकी है। दूसरे प्रयास में वह इंटरव्यू में बाहर हो गई। फिर भी निहारिका ने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में 121 वी रैंक हासिल की। निहारिका के परिवार में कितने लोग शामिल हैं निहारिका की दो छोटी बहनें हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने मम्मी-पापा को देते हुए कहा कि परिजनों ने दोनों बेटियों को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। बेटिया किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है, वह कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं। निहारिका कहती है कि कोई भी काम असंभव नहीं होता बल्कि इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। वह अब आईएएस और आईपीएस बनकर समाज के लिए कुछ बेहतर करना चाहती है। वही उत्तर भारत न्यूज़ की ओर से निहारिका को ढेरों शुभकामनाएं। ……