आखिर क्यों चम्पावत में हड़ताल हो रही हैं … जाने कारण

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उत्तरभारत / देहरादून : मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर चंपावत जिले भर में सस्ता गल्ला विक्रेताओं का कार्य बहिष्कार अभी भी जारी है।आपको बता दें कि इस हड़ताल के कारण सितंबर महीने का राशन अभी भी जनता को नही मिल पाया है।

हड़ताल लंबी खिंची तो ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों के सामने खाद्यान्न का संकट पैदा हो सकता है। इधर विक्रेताओं ने गुरुवार को भी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। तल्लादेश सस्ता गल्ला विक्रेता संघ के बैनर तले विक्रेताओं ने मंच और तामली में प्रदर्शन किया।

लोहाघाट में पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति की जिला इकाई ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। टनकपुर, पाटी और बाराकोट में भी विक्रेताओं ने धरना प्रदर्शन जारी रखा। सभी का कहना है कि सस्ता गल्ला विक्रेता काफी विषम परिस्थिति में लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाने का काम करते हैं।

उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं दी गई हैं। विक्रेताओं की मांग है कि उनका मानदेय निश्चित किया जाना चाहिए ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। लोहाघाट में संगठन के जिलाध्यक्ष प्रकाश सिंह बोहरा के नेतृत्व में गल्ला विक्रेताओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने केरल व तमिलनाडु की तर्ज पर सस्ता गल्ला विक्रेताओं को मानदेय दिए जाने की मांग उठाई।

बाराकोट, धूनाघाट, पाटी में भी सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने प्रदर्शन किया। विक्रेताओं ने मानदेय दिए जाने का आदेश जारी न होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने की चेतावनी दी है।

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