उत्तरभारत / देहरादून : यदि आपके आसपास बहुत सा धुआं है, जिसकी वजह से वातावरण में बहुत से बदलाव देखे जा रहे हैं तो आप इसका कारण किसे मानेंगे?आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं आप “मनुष्य” को ही इसका कारण मानेंगे। आपका सोचना भी उचित है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन जो बनाए गए हैं उनसे पर्यावरण में कोई भी परेशानी उत्पन्न नहीं होती है पर, जो हमारी आलीशान गाड़ियां है। उनसे हमें बहुत से दिक्कतें होती हैं जैसे प्रकृति को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है क्योंकि प्रकृति है तो हम सब हैं, प्रकृति नहीं है तो कोई भी नहीं है। …….. कुछ समय बाद सब ही खत्म हो जाता है। वहीं अब उत्तराखंड में टीएचडीसी इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए बनाई जाएंगी। जिसमें चार्जिंग स्टेशन भी मौजूद रहेंगे अगले 6 महीने के अंदर 10 चार्जिंग स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य भी रखा गया है। अब यह देखना है कि उत्तराखंड में कितना सफल होता है. चलिए इस खबर को हम आपको पूरा विस्तार के साथ बताते हैं……
बिजली से चलने वाली है गाड़ियां और वाहन पर्यावरण के लिए इको फ्रेंडली माने जाते हैं। जिन से कोई नुकसान नहीं पहुंचता ऐसे में ज्यादा जगहों पर बैटरी से चलने वाले वाहनों का चलन तेजी से बढ़ता हुआ है। बैटरी रिक्शा से लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों तक हर जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन बढ़ रहा है। ऐसे में उत्तराखंड में यदि 10 स्टेशन का लक्ष्य पूरा कर दिया जाता है तो, पर्यावरण पूरी तरह इको फ्रेंडली हो जाएगा। …
आप जानते हैं कि कहां पर बनाए जाएंगे 10 चार्जिंग स्टेशन। …
सहभागिता के तहत देहरादून में पांच, ऋषिकेश हरिद्वार में दो-दो और खटीमा में एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा। इससे न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी मदद मिलेगी। टीएचडीसी के अध्यक्ष और प्रबंधक राजीव बिश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी चार्जिंग स्टेशन बना कर स्थानीय निकाय के सुपुर्द कर देगी।