अच्छी खबर : अब स्कूलों में मिलेंगे 5000 छात्रों को टैबलेट, जाने कौनसे स्कूल हैं शामिल

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उत्तरभारत / चमोली : कोरोना काल का समय भले ही अब साफ़ होता हुआ दिखाई दे रहा हो इसका मतलब यह नहीं हैं कि अब सारी परेशानी चले गयी हैं। नहीं अभी भी हमे सतर्कता साफ़ तौर पर बर्तनी चाहिए। जी हां, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, दरअसल अभी भी बहुत से स्कूल नहीं खुले हैं और वह अपने स्कूलों में 5000 छात्रों को टैबलेट देने की बात कर रहे हैं। बता दे, उत्तराखंड में तीन दिवसीय जनजाति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा के जन्मदिन और उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित ये महोत्सव कई मायनों में खास है। महोत्सव में जनजाति समाज के हस्तशिल्प व पारंपरिक नृत्य कला का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। देहरादून में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। साथ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।

कौनसे स्कूलों के छात्रों को मिलेंगे टैबलेट

“एकलव्य स्कूल” में पढ़ने वाले छात्रों को टैबलेट देने की बात कही गयी हैं। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा हैं कि विभागीय विद्यालयों में पढ़ रहे जनजाति के 5 हजार छात्रों को टैबलेट दिए जाएंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि उत्तराखंड जनजाति महोत्सव के माध्यम से सभी जनजातियों को एक मंच मिला है। उत्तराखंड के साथ ही झारखंड एवं छत्तीसगढ़ का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। हमारे ये प्रदेश विकास की दिशा में निरंतर आगे बढ़ें, इसकी जिम्मेदारी हमारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में जनजाति समाज को सम्मान देने का कार्य किया है। उन्होंने राज्य के एकलव्य स्कूलों तथा जनजाति शोध संस्थान की व्यवस्थाओं की भी सराहना की। ये भी कहा कि जनजाति क्षेत्रों के विकास को लेकर जो भी प्रस्ताव मुख्यमंत्री द्वारा भेजे जाएंगे, उन पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों का संबंध जनजाति संस्कृतियों से रहा है। पिथौरागढ़ में भोटिया संस्कृति से उनका लगाव रहा, वहीं कर्मभूमि खटीमा की थारू-बुक्सा जनजाति से भी उनका आत्मीय रिश्ता है।

बता दें कि राजधानी देहरादून के ओएनजीसी अंबेडकर मैदान में जनजाति महोत्सव मनाया जा रहा है। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम मची हुई है।

 

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