उत्तरभारत / हरिद्वार : संघ लोक सेवा आयोग की सिविल परीक्षा में उत्तराखंड के होनहार छाए रहे। परीक्षा में हरिद्वार की सदफ चौधरी ऑल इंडिया लेवल पर 23वीं रैंक हासिल करने में सफल रहीं। उनकी इस उपलब्धि से जिले में जश्न का माहौल है। सदफ उत्तराखंड के उन कई होनहारों में से एक हैं, जिन्होंने तमाम चुनौतियों और अड़चनों को पार कर सिविल सेवा परीक्षा में कामयाबी हासिल की। सदफ चौधरी का परिवार हरिद्वार जिले की भगवानपुर तहसील में स्थित मोहितपुर गांव में रहता है। पढ़ाई में बचपन से होनहार रहीं सदफ सिविल सेवा में जाकर देश और समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थीं। उनके पिता मोहम्मद इसरार ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में क्लर्क की नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की थी। वर्तमान में वह सहारनपुर जिले के नागल में उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात हैं। वह ज्यादातर अमरोहा जिले की तहसील जोया में रहे और वहीं पर अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कराई। सदफ को आगे बढ़ने में परिवार वालों ने हरसंभव मदद की। उन्होंने घर पर रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की, और कड़ी मेहनत के दम पर आखिरकार अपने सपने को सच करने में कामयाब रहीं। सदफ की छोटी बहन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस का कोर्स कर रही है, जबकि छोटे भाई जेएनयू में पढ़ाई कर रहे हैं। सदफ के अलावा नैनीताल की बेटी शैलजा पांडेय ने भी सिविल सेवा परीक्षा में 61वीं रैंक हासिल की है। हर खबर पर हैं उत्तरभारत न्यूज़ की नज़र ….
इसी तरह ऊधमसिंहनगर की वरुणा अग्रवाल ने सिविल सेवा परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल की। वरुणा क्षेत्र के प्रमुख उद्योगपति और समाजसेवी पीडी अग्रवाल की भतीजी हैं। उनका परिवार रुद्रपुर में रहता है। वरुणा के पिता सुबोध अग्रवाल सीए हैं। साल 2018 में कानून की डिग्री लेने बाद उन्होंने दिल्ली में कोचिंग की। अब वो अफसर बनकर कमजोर तबके के बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं। रामनगर के देवांश पांडे भी यूपीएससी परीक्षा में 201 रैंक हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की। देवांश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय भारत नंदन पांडे के पौत्र हैं। बता दें कि शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2020 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया। जिसमें उत्तराखंड के कई होनहारों ने अपनी प्रतिभा को लोहा मनवाया।