उत्तरभारत / टिहरी गढ़वाल : घनसावंगी गांव में होने वाला यह आयोजन कई मायने में खास था जी हां ,आपने बिल्कुल सही पढ़ा कौथिग में स्थित ग्राम में नहीं बल्कि उनकी हजारों भेड़-बकरियां भी शामिल होती हैं। टिहरी के घनसाली में आयोजित हुआ भेड़ कौथिग में और अन्य रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी गांव में होने वाले आयोजनों में खास माना जाता है। भेड़ कौथिग में सिर्फ ग्रामीण ही नहीं बल्कि हजारों भेड़-बकरियां भी शामिल होती हैं। वही गांव के इष्टदेव सोमेश्वर मंदिर के चारों ओर भीड़ घुमाने पर पशुपालन और खेती में प्रसिद्ध हो इसलिए यह त्यौहार मनाया जाता है। वही इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण और विधायक शक्ति लाल शाह ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन की शोभा बढ़ाई। इस मौके पर जिला अध्यक्ष सोना सजवाण ने गांव की अपनी संस्कृति और वेशभूषा को छोड़ने की अपील की……….
जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि पहाड़ के पारंपरिक परिधानों, खानपान और बोली-भाषा का संरक्षण किया जाना चाहिए, ताकि इन्हें आने वाली पीढ़ी के लिए सहेजा जा सके। उन्होंने गांव के पौराणिक जल स्त्रोत के संवर्धन और रीह में रेन शेल्टर बनाने की घोषणा की। साथ ही कहा कि गंगी को साहसिक पर्यटन संबंधी गतिविधियों से जोड़ने के प्रयास जारी हैं। गंगी की विरासत को संजोए जाने के लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण के नेतृत्व में जिले के प्राकृतिक जल स्त्रोतों को सहेजने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जल स्त्रोतों का संरक्षण किया जा रहा है। कौथिग में हिस्सा लेने आए लोगों ने इसके लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का आभार जताया। ग्रामीणों ने झुमैलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति भी दी। बता दें कि भेड़ कौथिग का आयोजन हर तीसरे साल में किया जाता है। सोमवार को हुए भव्य आयोजन में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने गांव में सड़क पहुंचाने के लिए सरकार का आभार भी जताया।